निराश परिवार का व्यवसाय।

 एक बार की बात है एक गांव में एक बहुत ही निराश परिवार रहता था। उनके पास खाने को अभाव था और वे गरीबी के दबाव में थे। उनका बेटा रोजगार की तलाश में शहर जाता था और उन्हें परिवार के लिए पैसे लाने की जिम्मेदारी थी।


एक दिन, बेटे ने अपने मित्र से मिलकर एक व्यवसाय के बारे में सुना जो उन्हें काफी लाभदायक लगा। बेटा ने अपने पिता से इस व्यवसाय के बारे में बताया और उन्हें यह सुझाव दिया कि वे भी इस व्यवसाय को शुरू करें।

पिता ने बेटे की सलाह स्वीकार कर ली और उन्होंने एक छोटी सी दुकान खोली। शुरुआत में दुकान थोड़ी सी चलती थी, लेकिन बेटे और पिता की मेहनत ने उन्हें धीरे-धीरे सफलता की ओर ले जाया।

आज, वे अपनी दुकान को बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं। उन्हें गांव के लोगों का सम्मान मिलता है और वे गरीबी से बाहर निकल गए हैं। उनका बेटा भी अब शहर में नहीं जाना चाहता है।

मेहनत और संघर्ष कभी भी बेकार नहीं जाते। जीवन में कुछ भी असंभव नहीं होता, जब तक हम उसे संभव नहीं बनाने के लिए मेहनत नहीं करते हैं।

इस कहानी से यह भी स्पष्ट होता है कि कभी-कभी हमारे समस्याओं का हल हमारे पास ही होता है, हमें सिर्फ उसे ढूंढने की जरूरत होती है। इस बेहतरीन कहानी से हमें यह भी सीख मिलती है कि हमें निराश नहीं होना चाहिए बल्कि हमें संघर्ष के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

इसी तरह जीवन के हर पल में अधिक से अधिक मेहनत और संघर्ष करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि जीवन एक संघर्ष से भरा हुआ है और हमें संघर्ष के बिना कुछ भी नहीं मिलता है।

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